जुमा की नमाज़ का तरीका

जुमा की नमाज़ का तरीका

{जुमा में टोटल 14 रकअत नमाज़ होती है}

4 रकअत नमाज़ सुन्नत

2 रकअत नमाज़ फ़र्ज़

4 रकअत नमाज़ सुन्नत

2 रकअत नमाज़ सुन्नत

2 रकअत नमाज़ नफ़्ल

{4 रकअत नमाज़ सुन्नत पढ़ने का तरीक़ा}

1- सुन्नत नमाज़ की नीयत करेंगे। ( नियत दिल के इरादे को कहते हैं तो अगर ऐसे ही दिल में इरादा करके खड़े हो गए तो भी नमाज़ हो जाएगी लेकिन ज़बान से कह लेना अफज़ल है।)

2- सना को पढ़ेंगे 

3 - तस्मिया पढ़ेंगे (अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रज़ीम ,बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम .)

4- सूरह फातिहा अल्हम्दो शरीफ को पढ़ेंगे

5- क़ुरान मजीद की कोई एक सूरत पढ़े। ( चारो कुल या क़ुरान शरीफ की सबसे छोटी सूरह को भी पढ़ सकते हैं )

6- अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में चले जाये फिर 3 या 5 मर्तबा सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़े फिर समिल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए खड़े हो जाये फिर खड़े रहते हुए ही रब्बना लकल हम्द कहे,

7- अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में चले जाये

8-सज़दे की तस्बीह 3 या 5 बार पढ़े (सुब्हाना रब्बियल आला) 

9- दोबारा सजदे में जाए

10 - अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाये

11- अब आपकी एक रकअत नमाज़ हो गयी है

{दूसरी रकअत नमाज़ सुन्नत}

दूसरी रकात नमाज़ शुरू करने के लिए 3 से 9 स्टेप को फॉलो करें। 

पहले रकअत की तरह पढ़ने के बाद इस बार सजदा पूरा करने के बाद आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहना हैं।

तशह्हुद पढ़े

अत्तहिय्यत पढ़ने के बाद फिर से खड़े हो जाये 

अब आप की दो रकात नमाज़ ए सुन्नत पुरी हो गयी है।

{तीसरी रकअत नमाज़ सुन्नत}

तीसरी रकात नमाज़ शुरू करने के लिए 3 से 10 स्टेप को फॉलो करें।

अब आपकी तीन रकात सुन्नत नमाज़ पूरी हो गयी है।

{चौथी रकअत नमाज़ सुन्नत}

अब चौथी रकअत में आपको सूरह फातिहा से शुरू करना और 9 तक फॉलो करना हैं

पहले रकअत की तरह पढ़ने के बाद इस बार सजदा पूरा करने के बाद आपको अल्लाहु अकबर कहते हुए बैठे रहना हैं।

तशह्हुद पढ़े

दरूद शरीफ पढ़े

दुआ ए मासुरा को पढ़े

दाए तरह मुंडी घुमाते हुए बोले अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह

बाए तरफ मुंडी फेरते हुए कहे अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह इस तरह करने के बाद अब आपकी 4 रकात नमाज़ सुन्नत मुकम्मल हुई। 


इसी तरह सारी रकअत (सुन्नत, फर्ज़, नफ्ल) को अदा करनी है।

बस 2 रकअत वाली में 2 रकअत ही में (तशह्हुद,दरूद शरीफ,दुआ ए मासुरा) को पढ़ कर सलाम फेर लेना है। 

{ऐसे ही नफ्ल में भी }


{लेकिन याद रहे जुमे की 2 रकअत फर्ज़ नमाज़ इमाम के पीछे ही पढ़ी जाएगी उसका भी यही तरीका है लेकिन सना पढ़ने के बाद खामोश रहना है और इमाम की क़िरत को दोनों रकअतों में गौर से सुनना है बोलना नही है और फिर बाक़ी नमाज़ उसी तरह जैसा उपर बताया है। }

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